श्री गुजराती समाज, इंदौर स्वर्णिम इतिहास एवं प्रकाशमय वर्तमान |
श्री गुजराती समाज शिक्षा के लिए समर्पित एक विशाल केन्द्र है। यह इन्दौर का ही नहीं बल्कि प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षा संकुल है। गुजरात से आये हुए व्यावसायिक रूप में साहसिक गुजरातियों ने अपनी भाषा और संस्कृति से जीवंत सम्पर्क बनाये रखने हेतु 1923 में जेलरोड़ पर मात्र 7 छात्रों की संख्या से एक छोटा-सा स्कूल प्रारंभ किया। संख्या वृद्धि एवं स्थान की समस्या को देखते हुए स्व. घेलाभाई नाथाभाई पटेल,स्व. पुरुषोत्तमदास गोरधनदास पटेल एवं स्व. मणीलाल बलदेवदास परीख के प्रयत्नों द्वारा सियांगज में एक किराये के मकान से स्कूल का संचालन किया गया। उसके पश्चात् इनके प्रयत्न एवं दानशीलता के कारण इस छोटे-से स्कूल ने 1925 एवं 1932 में क्रमशः प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय का रूप ले लिया।
व्यावसायिक एवं आर्थिक रूप से सफल श्री मणिलाल परीख गहन आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। इसी आध्यात्मिकता ने उन्हें विशाल हृदय वाला बना दिया था। 1942 के आते-आते इस विद्यालय को विशाल आकार देने के लिए सेठ श्री ने न केवल रुपये 35000/- दान दिये, अपितु स्वयं और अपने साथियों के साथ भागीरथ प्रयत्न से नगर-नगर, द्वार-द्वार से 1,80,000/- रुपये एकत्रित किए। इन्हीं प्रयासों का मूर्तरूप 1946 में आर.आर.एम.बी. गुजराती हाईस्कूल के रूप में सामने आया और 1948 में हायर सेकेण्डरी विद्यालय बन गया। 1948 की श्री वल्लभभाई पटेल की इन्दौर यात्रा ने यहाँ के गुजरातियों में एक नया जोश भर दिया और वे सम्पूर्ण भारतीयों के लाभार्थ का दृष्टिकोण अपनाकर विकास कार्यों में जुट गये। स्व. श्री सेठ मणिलालजी के दान की सहायता से 1952 में इण्टर कॉलेज की स्थापना की गई जिसमें विज्ञान एवं वाणिज्य विषयों का अध्यापन होता था। नौकरी पेशा वर्ग हेतु 1956 में रात्रिकालीन कला संकाय प्रारंभ किया गया। इस इण्टर कॉलेज को 1958 में डिग्री कॉलेज बना दिया गया। सेठजी की धर्मपत्नी श्रीमती चंचलबेन मणिलाल परीख के सहयोग से 1957 में सी.एम.पी. विद्यालय की स्थापना हुई। समाज को शिक्षा विस्तार के लिए महारानी रोड़ पर शासन से जमीन प्राप्त हुई जहां श्री भाईलाल पटेल एवं श्री अम्बालाल पटेल के आर्थिक सहयोग से 1962 में के.बी. पटेल कन्या विद्यालय की स्थापना की गई। 1963 में दानवीर श्री गोवर्धनदास पटेल ने अपने पिता की स्मृति में घेलाभाई नाथाभाई पटेल बाल मंदिर का निर्माण महारानी रोड़ पर कराया।
1970 तक महाविद्यालय का कार्यक्षेत्र बढ़ जाने से इसे विज्ञान महाविद्यालय व कला वाणिज्य एवं विधि महाविद्यालय के स्वतंत्र भागों में बाँट दिया गया। 1970 में कला संकाय में कला एवं 1974 में विज्ञान महाविद्यालय में बॉटनी व केमिस्ट्री की पोस्ट ग्रेज्युएट कक्षाएँ आरंभ हुई। वर्ष 1982 में प्रारंभ एम.के.एच.एस. जी.सी.सी. देश का प्रथम कन्या वाणिज्य महाविद्यालय है। इसे मातुश्री कंकुबेन हीराचंद संघवी, चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दान प्राप्त है। 1983 एवं 1986 में यहाँ क्रमशः गृह विज्ञान एवं वाणिज्य की पी.जी. कक्षाएँ प्रारंभ हुईं।
श्री गुजराती समाज ने रोजगारमूलक व आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता महसूस कर महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना वर्ष 1989 में की ।
गुजराती विज्ञान महाविद्यालय, माइक्रोबॉयलाजी, इलेक्ट्रॉनिक व कम्प्यूटर साइन्स विषय स्नातक स्तर पर प्रारंभ करने में शहर/प्रदेश में प्रथम स्थान पर था। बाद में महाविद्यालय में बायोटेक्नालॉजी एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नालॉजी के नये पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किये गये।
ए.बी. रोड़ पर स्थित योजना क्रमांक 54 में 12 एकड़ भूमि पर विशाल बहुउद्देशीय शिक्षा कॉम्पलेक्स प्रारंभ किया। स्व. मुकेश अजमेरा पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा दान देकर यहाँ अजमेरा मुकेश नेमीचंद इंग्लिश मिडियम स्कूल जो कि केन्द्रीय शिक्षा मंडल, दिल्ली से मान्यता प्राप्त है कि स्थापना 1992 में की गई। तब से यह विद्यालय प्रतिवर्ष सफलता व लोकप्रियता अर्जित कर रहा है। गुजराती विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय के पीछे 5 एकड़ के लगभग का एक विशाल मैदान सरदार पटेल के नाम पर है। यहाँ पर संस्था का प्रदेश प्रसिद्ध जिम है जो सभी प्रकार के साधनों से सुसज्जित है। खेल सम्बन्धी सभी सुविधाएँ यहाँ पर उपलब्ध हैं।
पारंपरिक शिक्षा के साथ व्यावसायिक एवं राजगारोन्मुखी शिक्षा के क्षेत्र में समाज ने प्रवेश किया है। समाज द्वारा1999 से होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेन्टर संचालित हो रहा है। इसी प्रकार 2001 से समाज ने इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज़ प्रारंभ किया है। इसमें एम.सी.एम., बी.सी.ए. आदि पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैंएवं एम.बी.ए. पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया। ये दोनों महाविद्यालय समाज के नये परिसर स्कीम नं. 54 में चल रहे हैं। यह परिसर वर्तमान में पूर्ण रूप से निर्मित किया जा चुका है एवं पूर्णतः सुसज्जित परिसर के रूप में स्थापित हो गया है ।
दानदाता श्री अशोक पटेल ने अपने माता-पिता की स्मृति में समाज को 43 लाख का दान दोनों महाविद्यालयों के लिए दिया है। दोनों महाविद्यालयों का नाम उनके माता-पिता के नाम पर क्रमशः श्रीमती कमलाबेन रावजीभाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक कॉलेज, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर तथा रावजीभाई गोकलभाई पटेल गुजराती प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट रखे गये हैं।
समय की मांग एवं आवश्यकता को देखते हुए वर्ष 2005-06 में श्री गुजराती समाज बी.एड. कॉलेज की स्थापना की गई।
दानदाता श्री दीपचंद गार्डी चेरीटेबल ट्रस्ट, मुम्बई ने इनोवेटिव कॉलेज को श्री जयंतिभाई संघवी की स्मृति में रूपये 21,00,000/- का दान दिया है एवं उनकी स्मृति में इनोवेटिव कॉलेज का नाम बदलकर “श्री जयंतिलाल हीराचंद संघवी गुजराती इनोवेटिव कॉलेज ऑफ कॉमर्स एण्ड साईंस” कर दिया गया है। समाज ने वर्ष 2007-08 से एक और नया महाविद्यालय “श्री गुजराती समाज कॉलेज ऑफ फॉर्मसी” के नाम से प्रारंभ किया है एवं इस कॉलेज के नाम के लिये “नूतनबेन मनसुखलाल तुरखिया (पब्लिक ट्रस्ट) मुम्बई” की ओर से रूपये 22,61,000/- का दान प्राप्त हुआ है। दानदाता के नाम पर फार्मेसी कॉलेज का नाम “श्रीमती नूतनबेन मनसुखभाई तुरखिया गुजराती कॉलेज ऑफ फार्मेसी” रखा गया।
समाज द्वारा धार रोड़ पर लगभग 9 बीघा एवं राजेन्द्रनगर पर 41.000 स्के. फीट जमीन क्रय की गई है एवं भविष्य में इन दोनों जगहों पर आवश्यकतानुसार निर्माण कार्य किया जावेगा ।
समाज के लिये बड़ी उपलब्धी यह भी रही कि म.प्र. अल्पसंख्यक आयोग ने श्री गुजराती समाज द्वारा संचालित समस्त विद्यालयों एवं महाविद्यालयों का भाषायी अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाएँ मानते हुए भाषायी अल्पसंख्यता का प्रमाण-पत्र प्रदान किया है।
इन्दौर शहर का कोई घर ऐसा नहीं है, जिसके सदस्यों ने गुजराती समाज में शिक्षा न ली हो। विश्वविद्यालय का हर सातवां विद्यार्थी गुजराती कॉलेज का है। वर्तमान में समाज 9 महाविद्यालय एवं 6 विद्यालयों का संचालन कर रहा है। लगभग 26,284 छात्र यहाँ विद्याध्ययन कर रहे हैं। लगभग 1,500 शिक्षक एवं कर्मचारी इस शिक्षायज्ञ में अपनी आहुती दे रहे हैं ।
श्री गुजराती समाज , इन्दौर द्वारा संचालित विद्यालय : आर. आर. एम. बी. गुजराती उ.मा. विद्यालय, श्री के.बी. पटेल गुजराती कन्या उ.मा. विद्यालय एवं श्रीमती च.म.प. गुजराती प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत गुजराती विद्यार्थियों की पूरी फीस माफ की जाती है और गुजराती विद्यार्थियों को स्कूल युनिफार्म, कॉपी-किताबें, स्कूल बेग एवं स्कूल शूज भी समाज की तरफ से नि:शुल्क दिये जाते है ।
श्री गुजराती समाज , इन्दौर द्वारा संचालित , ए.एम.एन. इंग्लिश मिडियम स्कूल में अध्ययनरत गुजराती विद्यार्थियों की फीस में 50% की रियायत (छूट) दी जाती है ।
श्री गुजराती समाज, इन्दौर द्वारा संचालित महाविद्यालयों में (होम्योपैथिक, प्रोफेशनल, बी.एड. एवं फार्मेसी को छोडकर) अध्ययनरत गुजराती विद्यार्थियों की फीस में 50% की रियायत (छूट) दी जाती है ।
समाज द्वारा गुजराती विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ।
समाज द्वारा नियमानुसार सभी (स्कूल/कॉलेज) में गरीब विद्यार्थियों (गैर गुजराती) की फीस भी माफ की जाती है ।
छात्र/छात्राओं के आवागमन सुविधा हेतु समाज में कुल 81 बसे, 8 छोटी गाड़ियाँ (बोलेरो एवं तूफान) एवं 1 पिकअप वाहन है, जो शासन के नियम अनुसार जी.पी.एस., कैमेरा, सीट बेल्ट, स्पीड गर्वनर की सुविधाओं के साथ संचालित की जा रही है।
श्री गुजराती समाज शिक्षा क्षेत्र के अलावा समाज सेवा में भी अग्रणी है। समाज द्वारा सेवा के उद्देश्य से कई गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं। कुछ मुख्य गतिविधियाँ निम्न हैं ः-
* 1963 में बाहरी यात्रियों की सुविधा के लिए आर.आर. कॉन्ट्राक्टर अतिथि गृह का निर्माण किया गया था। यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए समाज ने नये गेस्ट हाऊस एवं गुजराती सदस्यों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वाड़ी का निमार्ण स्नेहलतागंज में 8400 वर्ग फीट के भूखंड पर किया है। नया गेस्ट हाऊस अति आधुनिक एवं ए.सी. रुम की सुविधाओं वाला है। जिसमें 20 ए.सी रुम, 2 कॉमन हॉल, लिफ्ट की सुविधा भी है। नये गेस्ट हाऊस में मांगलिक एवं वैवाहिक कार्यक्रम होने की सुविधा भी है। साथ ही अतिथि गृह में सोलर पैनल प्लांट भी लगवाया गया है जिससे बिजली की अत्याधिक बचत हो जावेगी।
स्नेहलतागंज स्थित गेस्ट हाऊस के तलघर में एवं समाज के स्कीम नं. 54 स्थित परिसर तथा नवलखा में हेल्थ सेन्टर का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है, जिसमें कई अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई है। हेल्थ सेन्टर की वार्षिक फीस न्यूनतम रु. 120/- प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति रखी गई हैऔर इस जिम्नेशियम में कई गुजराती परिवार (बच्चे, महिला एवं पुरूष) लाभांवित हो रहे है।
* श्री गुजराती समाज, इन्दौर द्वारा समाज के स्कीम नं. 54 स्थित परिसर में एक 100 बेड का भव्य हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, जिसमें अत्याधुनिक जाँच मशीनें-सीटी स्केन, वेंटीलेटर, ई.सी.जी., ऑक्सिजन मशीन, बेड इत्यादि की सुविधाएँ उपलब्ध की जावेगी और मेडिकल स्टाफ भी नियुक्त किया जावेगा ।
* समय-समय पर गुजराती भाषा एवं संस्कृति से परिचित करवाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसके अन्तर्गत गुजराती भाषा में नाटक, डायरा एवं गीत-संगीत, गरबा आदि के कार्यक्रम किये जाते हैं, जिसमें गुजराती कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
* समाज द्वारा दीपावली मिलन समारोह का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें समस्त गुजराती पेटा समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान शॉल-श्रीफल से किया जाता है और गुजराती परिवारों के लिए सुमधुर गीत-संगीत का आयोजन भी किया जाता है।
* समाज द्वारा समय-समय पर अलग-अलग जगहों पर समाज के सदस्यों के लिए निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। जिसमें बहुत से गुजराती परिवार के सदस्य इसका लाभ लेते है।
* समाज द्वारा सदस्यों के लिए चिकित्सा सहायता में जो सदस्य फार्म के साथ हॉस्पिटल का ओरिजिनल बिल लगाता है और जिनका मेडिक्लेम नहीं है, उन्हें खर्च के हिसाब से 25% तक की राशी सहायता के रुप में दी जाती है एवं जिन सदस्यों का मेडिक्लेम है अथवा डुप्लिकेट बिल फार्म के साथ लगाते है उन्हें खर्च के हिसाब से 15% तक की राशि सहायता के रुप में दी जाती है ।
* होम्योपैथिक महाविद्यालय के अन्तर्गत शहर में 8 बाह्य रोगी केन्द्र संचालित हो रहे हैं, जहाँ न्यूनतम शुल्क पर चिकित्सा की जाती है । पिछले वर्ष कुल 61,445 मरीजों का उपचार किया गया। साथ ही नये हॉस्पिटल भवन का निर्माण कार्य भी शुरु किया गया है।
* नसिया रोड़ स्थित परिसर में नये बेडमिन्टन कोर्ट का निर्माण किया गया, जिसमें छात्र/छात्राएँ एवं गुजराती भाई/बहन इसका लाभ ले रहे है।
* आर.आर.एम.बी. स्थित सेन्ट्रल हॉल का नवीनीकरण किया गया, जिसे ए.सी., साउण्ड सिस्टम, अत्याधुनिक लाईट से सुसज्जित किया गया।
* सरदार पटेल मैदान एवं स्कीम नं. 54 स्थित परिसर में नये बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण किया गया एवं मैदान के चारो तरफ स्टेयर भी बनाये गये।
* स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए समाज के स्कीम नं. 54 स्थित परिसर में एक कम्पोस्ट मशीन भी लगाई गई है।
* गुजराती महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु श्री गुजराती समाज द्वारा निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण दिया जाता हैएवं प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीनें दी जाती हैं। अभी तक 1474 महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की गई है।
* समाज द्वारा गुजराती विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैएवं अन्य जरुरतमंद विद्यार्थियों की फीस भी माफ की जाती है।
* समाज द्वारा गुजराती भाई/बहनों को जो चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है, उसमें । साथ ही समाज के वृद्धजनों जिनकी उम्र 65 से अधिक है उन्हें रुपये 500/- प्रतिमाह एवं 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के वृद्धजनों को रुपये 600/- प्रतिमाह प्रत्येक तीन माह में एक साथ दिये जाते है।
* जरुरतमंद गुजराती परिवारों में जिन बालिकाओं का विवाह होता है उनको समाज की ओर से रुपये 15,000/- की आर्थिक सहायता भेंट स्वरुप प्रदान की जाती है।
* समाज द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत जिन गुजराती परिवारों में बालिका का जन्म होता है, उनके माता-पिता को बालिका के नाम से रुपये 6,000/- की एफ.डी. बनाकर दी जाती है।
* जरुरतमंद गुजराती महिलाएँ जो विधवा या तलाकशुदा है, उनको आर्थिक सहायता के रुप में समाज की ओर से रुपये 500/- प्रतिमाह प्रत्येक तीन माह में एक साथ दिये जाते है।
* समाज द्वारा दिव्यांगों को आर्थिक सहायता के रुप में रुपये 500/- प्रतिमाह प्रत्येक तीन माह में एक साथ दिये जाते है।
इसके अतिरिक्त निम्न सेवा एवं सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं ः-
़- श्रीमती नलिनीबेन भोगीलाल शाह गुजराती पुस्तकालय एवं वाचनालय।
- श्रीमती रुक्मणीबेन दीपचंद गार्डी पारमार्थिक चेरिटेबल ट्रस्ट एवं जैन समाज द्वारा एम्बुलेंस सेवा।
- श्रीमती कमलाबेन रावजीभाई पटेल कम्युनिटी हॉल, नसिया रोड़, इन्दौर।
- श्री गुजराती समाज सेवा वाहन (शव-वाहन)।
- ”समाज का मूल उद्देश्य निःस्वार्थ भावना से सेवा करना है।”'
पंकजभाई संघवी मानद महामंत्री,
श्री गुजराती समाज, इंदौर
परीख मणिलाल बलदेवदास गुजराती वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर
स्व. सेठ श्री मणीलाल बलदेवदास परीख के दान की सहायता से महाविद्यालय को सन् 1952 में वाणिज्य एवं विज्ञान विषय में इंटर कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया। सन् 1958 में इसे डिग्री कॉलेज का दर्जा प्राप्त हुआ। सन् 1970 में इस महाविद्यालय का कार्य क्षेत्र एवं विद्यार्थियों की संख्या बढ़ जाने के कारण इसे तीन स्वतंत्र महाविद्यालयों में विभाजित किया गया जिसमें क्रमश: वाणिज्य, विज्ञान तथा कला एवं विधि की शिक्षा दी जाने लगी। वर्तमान में महाविद्यालय प्रदेश के श्रेष्ठ वाणिज्य महाविद्यालयों में से एक है।
With the help of donations of late Shri Seth Manilalaji Baldevdas Parikh, the college was established in 1952, as an inter college in the field of commerce and science. In 1958 it got the status of degree college. Due to increasing number of students and wide working area the college had been divided in to three independent college, in ordered to be thought commerce, science, art, and law respectively. Currently the college is one of the best commerce colleges in the state.
Affiliation
The college is affiliated to Devi Ahilya University Indore, for graduate and post graduate courses in the faculty of commerce.
संस्था के लक्ष्य -
- युवा पीढ़ी को वाणिज्य एवं प्रबंध की शिक्षा देना।
- कॅरिअर एवं रोजगार के नए क्षेत्रों के संबंध में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करना।
- विद्यार्थियों को पाठ्येत्तर गतिविधियों के प्रति प्रोत्साहित करना।
- विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास करना।
- विद्यार्थियों को समाज एवं राष्ट्र के विकास में भागीदारी हेतु तैयार करना।
Goals of Institution
- To impart commerce education to young generation.
- To guide students in respect of the new dimensions of career and employment.
- To motivate students towards extra activities.
- To develop overall personality and character of students.
- To prepare students for active participation in social and national development.
महाविद्यालय की विशेषताएँ -
- सीधे प्रवेश (ऑफ लाइन) ।
- सहशिक्षा (को-एज्युकेशन) ।
- मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम ।
- अनुभवी एवं विद्धान शिक्षक ।
- रेल्वे स्टेशन एवं बस स्टेण्ड के समीप ।
- मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ ।
- उचित शिक्षण शुल्क ।
- विशाल खेल मैदान, जिम, बेडमिंटन एवं टेबलटेनिस के वुडन कोर्ट, वालीबाल एवं बास्केटबाल कोर्ट ।
- महाविद्यालय के कई शिक्षक वाणिज्य तथा कम्प्यूटर की पाठ्यपुस्तकों के लेखक ।
- महाविद्यालय की समस्त गतिविधियों की सूचना वेबसाइट एवं संदेश के माध्यम से ।
- उच्च शिक्षा विभाग, म.प्र. की जिला/संभाग/राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थी को महाविद्यालय के शुल्क में 50% की छूट ।
- राष्ट्रीय स्तर पर मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को पूरी शुल्क मुक्ति ।
Highlights of the College
- Direct (Offline) admission.
- Co-education.
- Value added course
- Highly qualified and experienced facilities.
- Near railway station and bus stand.
- Benefits of Medhavi Student Scheme.
- Affordable fees structure.
- Big play ground, Gym, wooden badminton and table tennis count, Volley ball and basket ball court.
- Many teachers of the college are the authors ofMany teachers of the college are the authors ofCommerce and Computer text books.
- Information of all the activities conducted byInformation of all the activities conducted bycollege through SMS and Website.
- 50% College fee waiver for the student whoparticipate in Higher Education Department,M.P.’s District/Division/State level competition.
- Full fee waiver for the students who get medalat National level.
Achievements by College in Different Activities
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देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की सीधी संभागस्तरीय अंतर्महाविद्यालयीन बॉडी बिल्डिंग स्पर्धा में कॉलेज लगातार 38 साल से और वेट लिफ्टिंग स्पर्धा में कॉलेज 21 बार चैम्पियन । कॉलेज के नितिश तम्बोली को बेस्ट बॉडी बिल्डर का यूनिवर्सिटी श्री खिताब ।
2. इस्तांबुल (तुर्की) में आयोजित एशियन पॉवर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में छात्र लव माली को 74 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक ।
3. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की अंतर्महाविद्यालयीन जिला स्तरीय बैडमिंटन, शतरंज, वेट लिफ्टिंग और पॉवर लिफ्टिंग स्पर्धा मैं कॉलेज की टीम उपविजेता ।
4. छात्र आर्यमन गोयल का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की बैडमिंटन टीम में चयन राज्य स्पर्धा में विजेता, पश्चिम क्षेत्र जोनल इंटर यूनिवर्सिटी स्पर्धा में कांस्य पदक और खेलो इंडिया व नेशनल इंटर जोन यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व ।
5. छात्र ऋतिक श्रीवास्तव व हर्ष जरिया का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की शतरंज टीम में चयन राज्य स्पर्धा में विजेता और पश्चिम क्षेत्र जोनल इंटर यूनिवर्सिटी स्पर्धा में प्रतिनिधित्व ।
6. छात्र नमन मिश्रा, प्रथक चौकसे व अभ्यंकर मालवीय को सीधी संभागस्तरीय स्पर्धा में वेटलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल और छात्र लव माली व अभ्यंकर मालवीय को पॉवर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की वेट लिफ्टिंग टीम में चयन नेशनल इंटर यूनिवर्सिटी स्पर्धा में प्रतिनिधित्व ।
7. छात्रा अंजली मालवीय का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की बैसबॉल व सॉफ्टबॉल टीम में और निष्ठा अग्रवाल का बॉस्केटबाल टीम में चयन । दोनों खिलाड़ी राज्य टूर्नामेंट में विजेता और नेशनल इंटर यूनिवर्सिटी स्पर्धा में प्रतिनिधित्व ।
8. छात्र अमन चकोलिया का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की एक्वॉटिक्स/स्विमिंग टीम में चयन और विनय सिंह को कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक । नेशनल इंटर यूनिवर्सिटी स्पर्धा में प्रतिनिधित्व ।
9. छात्र दानिश खान व आदिल खान का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की लॉन टेनिस टीम और विनित सेन व यश यादव का इंदौर जिला खो-खो टीम में चयन, संभागस्तरीय स्पर्धा में प्रतिनिधित्व ।
10. प्रोफेसर डॉ. रफी मोहम्मद शेख, उच्च शिक्षा विभाग की शिक्षक/स्टाफ/खेल अधिकारी इंदौर जिला एवं मंडल प्रतियोगिता में बैडमिंटन, टेबल टेनिस और लॉन टेनिस स्पर्धाओं के प्रतिभागी/विजेता रहे । जिला, संभाग और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट की टीम में चयनित ।
1. Winner in the direct divisional level1. Winner in the direct divisional levelintercollegiate Body Building competition of DeviAhilya University since 38 consecutive years and 21times champion in Weight Lifting competition.College student Nitish Tamboli was awarded the'University Shree' title of the best Body Builder in thelast year.
2. Bronze medal in 74 kg category to student LuvMali in Asian Power lifting Championship held inIstanbul (Turkey).
3. College team was runner-up in the inter-collegedistrict level Badminton, Chess, Weight Lifting andPower Lifting Competition of Devi Ahilya University in2021-22.
4. Student Aryaman Goyal selected in theBadminton team of Devi Ahilya University. Winner inState Championship, Bronze Medal in West ZoneInter University Competition and Representation inKhelo India and National Inter Zone UniversityCompetition.
5. Students Hrithik Srivastava & Harsh Jariaselected in the Chess team of Devi Ahilya University.Winner in State Competition and Representation inWest Zone Inter University Competition.
6. Students Naman Mishra, Prathak Choukse &Abhyankar Malviya got Gold Medal in Direct Divisionlevel Weight Lifting and Lav Mali & AbhyankarMalviya in Power Lifting competition. Selection in theDevi Ahilya University Weight Lifting & Power Liftingteam. Representation in National Inter UniversityCompetition.
7. Student Anjali Malviya selected in Devi AhilyaDevi AhilyaUniversity's Baseball & Softball team and Nishtha Agrawal in Basketball team. Both players are WinnerAgrawal in Basketball team. Both players are Winnerin State Tournament and Representation in NationalInter University Tournament.
8. Student Aman Chakoliya selected in theAquatics/Swimming team and Vinay Singh gotBronze medal in Wresling of Devi Ahilya UniversityInter collegiate tournament. Representation inNational Inter University Competition.
9. Students Danish Khan & Adil Khan wereselected in the Lawn Tennis team of Devi AhilyaUniversity and Vinit Sen & Yash Yadav selected inIndore district Kho-Kho team. Representation inDivisional level competition.
10. Professor Dr. Rafi Mohammad Sheikh wasParticipant/Winner in Higher Education DepartmentTeacher/Staff/Sport Officer Indore District & Divisiontournament in Badminton, Table Tennis and LawnTennis events. Selected in the team of district,division and state level tournaments.
संदेश / Messages
युवा विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि वे भारतीय संस्कृति का परचम चहुँओर फहराएँ। सभ्यता की सीढ़ियाँ चाहे चढ़ते रहें, किंतु आपके संस्कार ही आपकी पूँजी हंै। महाविद्यालय में जीवन जीने की कला भी सीखें।
(नरेन्द्रभाई जी.पटेल)
अध्यक्ष
श्री गुजराती समाज, इंदौर
मनुष्य ईश्वर की सर्वोत्तम कल्पना का साकार रूप है। इस वसुन्धरा पर उसका अवतरण ज्ञान के साथ हुआ है। उसने संपूर्ण संसार को अपने ज्ञान से आलोकित किया है। विद्यार्थी भी ज्ञान अर्जित कर एक नई सोच और नई दृष्टि से नए विश्व निर्माण की कल्पना को साकार करते रहें।
(पकंजभाई संघवी)
मानद् महामंत्री एवं अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज
श्री गुजराती समाज, इंदौर
शिक्षा का मूल उद्देश्य मन में व्याप्त अंधकार को दूर कर ज्ञान रूपी प्रकाश से समाज को प्रकाशित करना है। इससे जीवन पथ भी प्रशस्त होता है। इस कार्य में महाविद्यालय सदैव आपके साथ है।
(अमितभाई दवे)
अध्यक्ष शिक्षण समिति काॅलेज (नसिया एवं महारानी रोड परिसर)
मोबाइल फोन तथा इलेक्ट्राॅनिक गैजेट को छोड़कर पुस्तकों को अपना मित्र बनाएँ। पुस्तकें ज्ञान का सागर हैं। इस ज्ञान रूपी सागर में डुबकी लगाकर विश्व कल्याण के कार्य में जुट जाएँ। दूसरों के लिए भी जीना सीखें।
(नितेशभाई तुरखिया)
अध्यक्ष शासी निकाय
प.म.ब.गुजराती वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर
प्रिय विद्यार्थियों, स्वर्णिम भविष्य की राह मंे मील का पत्थर है आपका अपना महाविद्यालय। यहाँ से प्राप्त ज्ञान तथा अनुभव आपके बौद्विक विकास को निश्चित ही गति प्रदान करेगा। बस, जरूरत है दृढ़ संकल्प तथा इच्छाशक्ति की, जो आपके पास मौजूद है। परिश्रम से कठिन से कठिन कार्य सरल हो जाएगा और सफलता आपके कदम चूमेगी।
(डाॅ. दिनेश माहेश्वरी)
प्राचार्य
प.म.ब.गुजराती वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर